Linux architecture in hindi

Layered architecture of Linux in hindi

*लिनक्स आर्किटेक्चर ( Linux Architecture ) - 
                                                                     लिनक्स का आर्किटेक्चर एक layered architecture होता है । इसे चित्र में दर्शाया गया है ।



 लिनक्स के architecture की layer निम्नलिखित हैं :

(I) हार्डवेयर ( Hardware ) -

 लिनक्स structure में  पहली(प्रथम) लेयर Hardware की होती है । सिस्टम में कनेक्टेड सभी हार्डवेयर इस कोर के अंतर्गत आते हैं ।  इसमें सभी peripheral device आ जाती है जैसे:- RAM, ROM, HARD DISK DRIVE, CPU, PRINTER, SCANNER आदि.

(II) कर्नल ( Kernel ) -

 Kernel , लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का core program होता है , जो कम्प्यूटर हार्डवेयर के components को कंट्रोल करता है जिनका उपयोग user करते हैं । यह  सीधे  हार्डवेयर को  accept  करता हैं। तथा हार्डवेयर डिवाइसों के ड्राइवर्स को रन करने की प्रोसेस  को कम्प्लीट करता है । ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा की गई हार्डवेयर  Request directly हर्डवेयर के पास नहीं जाती है । यह कर्नल के माध्यम से हार्डवेयर के पास पहुँचती है तथा हार्डवेयर कर्नल के माध्यम से इस Request को ऑपरेटिंग सिस्टम को रिटर्न करता है ।
 अर्थात
kernel यूजर एप्लीकेशन तथा हार्डवेयर के मध्य इंटरफ़ेस की तरह कार्य करता है.


    kernel के कुछ मुख्य कार्य निम्नलिखित है:-
1:- फाइल सिस्टम को मैनेज करना.
2:- computer की memory को मैनेज करना.
3:- interrupt को हैंडल करना.
4:– डिवाइसों को मैनेज करना.
5:- process को मैनेज करना.
6:- मैमोरी में चल रहे प्रोग्राम्स को schedule करना.
7:-errors को हैंडल करना.
(III) डिवाइस ड्राइवर्स ( Device Drivers ) - 

कम्प्यूटर्स से जुड़ी हुई प्रत्येक डिवाइस के साथ इंटरफेस प्रदान करने वाले प्रोग्राम्स को डिवाइस ड्राइवर्स कहते हैं ।

( Iv ) शेल ( Shell ) -

 shell कमाण्ड इंटरप्रिटर की तरह कार्य करता है । लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के प्राम्प्ट पर यूजर द्वारा दी गई कमाण्ड को शेल , इंटरप्रिट करता है । लिनक्स में यूजर द्वारा बनाये गये प्रोग्राम को शेल प्रोग्राम या शेल स्क्रिप्ट कहते हैं । शेल प्रोग्राम को मशीन लैंग्वेज में इंटरप्रिट करने के लिए शेल , इंटरप्रिटर की तरह कार्य करता है । शेल इंटरप्रिटर सीधे हार्डवेयर से इंटरेक्ट नहीं करता है बल्कि यह कर्नल के माध्यम से हार्डवेयर कम्पोनेंट्स के साथ इंटरेक्ट करता है ।

इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-
MS DOS shell, CSH, KSH, तथा SH.




( v ) सिस्टम कॉल लाइब्रेरी (System Call Library)-

सिस्टम कॉल लाइब्रेरी , प्रोसेस और ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच आवश्यक इंटरफेस प्रदान करता है ।

( vi ) स्टैंडर्ड लाइब्रेरी ( Standard Library ) - 

स्टैंडर्ड लाइब्रेरी में कम्पाइलर के लिए आवश्यक डेटा उपलब्ध होता है । विभिन्न कमाण्ड तथा प्रोग्राम फाइलों के एक्जीक्यूशन के । लिए कम्पाइलर को इस डेटा की आवश्यकता होती है ।

 ( vii ) यूजर एप्लिकेशन ( User Application ) - 

लिनक्स स्ट्रक्चर में सबसे बाहरी लेयर , ऑपरेटिंग सिस्टम तथा यूजर एप्लिकेशन की होती है । यूजर एप्लिकेशन , एप्लिकेशन प्रोग्राम होते हैं | एप्लिकेशन प्रोग्राम्स , एप्लिकेशन प्रोग्राम सॉफ्टवेयर्स होते हैं , जिनमें user  अपने  प्रोग्राम बनाता है । एप्लिकेशन प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम से इंटरेक्ट करता है ।



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धन्यवाद.

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